Monday, August 24, 2009
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
-:सूर्य कान्त त्रिपाठी 'निराला':-
Sunday, August 23, 2009
विस्वास " बड़े काम की चीज है "
जैसे जैसे अँधेरा बढ़ रहा था उसके उसके प्रयास और तेज होते जा रहे थे मैंने देखा अब उसके माता पिता दोनों मिलकर बच्चे को उठा रहे थे वो उसे ऊपर उठाते पर कुछ ऊपर जाते ही वो गिरने लगता वो फिर उसे नीचे रख देते पुनः फिर प्रयास करने लगते बड़ी मश्शकत कर रहे थे कोई रास्ता उन्हें दिखाई नही पड़ रहा था । में भी उनकी कोई मदद नही कर सकता था क्योंकि अगर में चिडया को छु भी देता तो गौरेया उसे कभी नही ले जाती । इसलिये में चुप चाप उसे देख रहा था ,बार बार प्रयास कर रही थी गौरेया अब काफी अँधेरा होने लगा था , और अचानक गौरेये ने बच्चे को जोर से पकड़ा और उर चली , बच्चा ची ची कर रहा था पर गौरेया ने उसे नही छोड़ा और वही एक पेड़ पर जाकर बैठ गई । में ये देख कर अचंभित रह गया की ये अचानक कैसे हो गया । जो सुबह से नही हो पाया था अचानक वो गौरेया कामयाब कैसे हो गई , उस बच्च्चे को ये पक्का विस्वास था की उसकी माँ उसे जरुर बचा लेगी । गौरेया को भी ये विस्वास था की वो अपने बच्चे को मरने नही देगी । और दोनों का विस्वास ही था की असंभव संभव हो गया वो वक्त रहते अपने जगह चली गई । बार बार, और एक बार, और एक बार करने की लगन, और मन में पुरा विस्वास लिए उस गौरेया ने मुझे वो सिखा दिया जो किसी स्कूल में मुझे बताया नही गया की मन की शक्ति क्या होती है विस्वास क्या चीज है , उम्मीद को कैसे जगा सकते है ,अपनी हार को कैसे जीत में बदल सकते है ,कैसे अपनी इच्छा शक्ति की सहारे असंभव संभव कर सकते है । सच कहू तो आज तक मैंने विस्वास की शक्ति को इतने करीब से नही देखा था , किताबों में पढ़ा था पर जीवन में पहली बार देखा वो भी एक नन्ही सी जान गौरेया को जिसने अपने बच्चे को बचाने के लिए ३०० से ज्यादा प्रयास किया और आखिरी तक करती रही जब तक उसने अपने बच्चे को बचा न लिया ।